सस्ते समान के लिए पूरे भारत में डी मार्ट फेमस है। डी मार्ट छोटे शहरों से लेकर के मेट्रो सिटी तक मौजूद हैं।अगर किसी इलाके में डी मार्ट बन रहा है, और वहाँ कोई खास या फेमस नही है फिर भी उस इलाके का रेट बढ़ जाता है क्योंकि लोगों मान लेते है कि अगर डी मार्ट यहाँ निवेश कर रहा है तो कुछ सोच समझ कर ही कर रहा होगा। और आगे चलकर यह इलाका वृद्धि करेगा।
कौन है इसके पीछे –
इस भरोसे और विश्वास के पीछे राधाकृष्णन दामिनी का दिमाग है। इनको दिवगत दिगज निवेशक राकेश झुनझुनवाला अपना गुरु मानते थे। राधाकृष्णन दामिनी देश के अमीर वक्तियों की लिस्ट में शामिल हैं। इनकी संपति 1 लाख cr रूपए से भी उपर है लेकिन यह केवल 12 पास है। लेकिन यह उनके हुनर और तेज दिमाग की वजह से आज देश के अमीर व्यक्तियों में जाने जाते है।
शेयर मार्केट में झंडा गाड़ने वाले दामिनी ने जब अपना खुद का बिजनेस शुरू किया तो शुरुआत में उन्हे कई असफलताएं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2002 में उन्होंने पहला डी मार्ट का मुंबई में स्टोर खोला। उन्होंने उस टाइम यह निर्णय लिया कि वह डी मार्ट कभी भी किसी किराये की जमीन पर नहीं खोलेंगे । आज देश में 300 से अधिक D मार्ट स्टोर है यानी कि राधा कृष्ण दामिनी जी के पास 300 से अधिक बेहद बड़े साइज की जमीनें भी है। यह स्टोर 11 राज्यो में फैले हैं.
क्यो सस्ता मिलता है सामान –
दामिनी जी का किराये की जमीन पे स्टोर नही खोलना यह एक बड़ा कारण है। क्योंकि यह उनकी खुद की जमीन होती है और एक नियमित अंतराल के बाद उनको किराया नहीं देना पड़ता है। इस बची हुई राशि का वह सामान सस्ता करने में इस्तेमाल करते हैं। और एक अन्य कारण यह भी है कि डी मार्ट अपना स्टॉक जल्दी खत्म करता है यानी इनका लक्ष्य 30 दिनों के अंतराल में सभी सामान ख़तम करने और नया समान मंगाने की होती हैं। जिससे डी मार्ट कंपनियों को जल्दी पैमेंट करता है इससे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भी डीमार्ट को डिस्काउंट पर सामान देती हैं. इस डिस्काउंट इस्तेमाल भी लोगों को छूट देने या फिर खुद का रेवेन्यू बढ़ाने में किया जाता है।