गुर्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी मंदिर का दान पात्र सोमवार की दोपहर को खोला गया। मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल का दावा है कि 8 महीने पहले PM ने भी दान पात्र में लिफाफा डाला था। उनके लिफाफे में ₹21 निकले । यह दान पात्र साल में एक बार खुलता है। सोमवार को हुई गिनती में अभी तक 19 लख रुपए निकले हैं और अभी भी गिनती जारी है।
पुजारी हेमराज ने बताया कि इस दान पात्र में तीन लिफाफे निकले। इसमे से एक में 2100, दूसरे में 100 और तीसरे में 21 रूपये निकले। पर दो लिफाफे अलग कलर के है जो pm ने नही डाले। Pm मोदी ने सफेद कलर का लिफाफा डाला वो वीडियो में दिख रहा है।
पुजारी हेमराज ने बताया कि pm के लिफाफे को लेके काफी लोग उत्साहित थे. इससे देखने को काफी भीड़ आई थी। लिफाफे को सभी के सामने खोला गया लिफाफे के अंदर 20 का नोट और एक ₹1 का कॉइन निकला था। इस साल 28 जनवरी को पीएम मोदी मालासेरी डूंगरी आए थे। इस घटना के बाद अभी एक सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रहा है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर के दान पत्र में लिफाफा डालते हुए नज़र आ रहे है।
मालासेरी डूंगरी भीलवाड़ा के आसींद उपखंड से 5 किलोमीटर दूर, बताया जा रहा है कि 1101 साल पहले देवनारायण के माता साडू ने यहां पर तपस्या की थी। तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु ने स्वयं सवंत 968 माह की सप्तमी को जनम लिया था। इसलिए राजस्थान के लोक देवता और गुर्जर समाज के आराध्य देवता भगवान देवनारायण को विष्णु का अवतार माना जाता है। भगवान देवनारायण का जन्म माल श्री डूंगरी के सबसे ऊपरी चोटी पर जमीन फट करके निकले कलम की नाभि में हुआ था। इसलिए यह मंदिर पूजा समाज का एकमात्र आस्था स्थल है।