ओणम 29 अगस्त को है, यह त्यौहार शांति, विनम्रता, और उन्नति का प्रतिक है, ओणम त्योहार का गहरा संबंध राजा महाबली से है| आईए जानते हैं कि क्यों मनाते हैं ओणम ? और क्या है इसकी परंपरा
ओणम क्या है?
ओणम के दिन मलयालम कैलेंडर में नव वर्ष की शुरुआत होती है यह त्यौहार चिगम माह में आता है, यह त्यौहार सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जाता है और इस त्यौहार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से मनाया जाता है |
ओणम कब मनाया जाएगा?
ओणम 29 अगस्त को मनाया जायेगा है जब जब थिरुवोणम् नक्षत्र आएगा। नक्षत्र की शुरूआत दोपहर 2.43 PM पे होगी ओर समापन रात को 11.50 PM पे होगा|
ओणम क्यो मनाई जाती है?
ओणम का संबंध राजा महाबली से है, पोराणिक कथा के अनुसार जब असुर राजा महाबली ने देव लोक में अपना राज्य स्थापित किया, लेकिन एक ब्राह्मण की इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें पाताल लोक में जाना पड़ा वह ब्राह्मण और कोई नही भगवान विष्णु थे, जिन्होंने वामन अवतार लेकर के राजा महाबली से तीन पैर जमीन मांगी थी, और उन्होंने पैर में ही जमीन और आसमान को नाप लिया था, जब कोई जगह ही नहीं बसी थी तो राजा महाबली ने तीसरे पग के लिए अपना सिर आगे कर दिया, महाबली की उदारता को देखकर भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक में भेज दिया, हरि महाबली से बहुत आसान हुए और उन्होंने वरदान दिया कि आप साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने जा सकते हैं, इसके बाद राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने और उनकी सुध लेने हर वर्ष श्रावण माह शावन नक्षत्र को आते हैं, और इसी दिन को लोग धूमधाम से मनाते हैं और राजा महाबली का रंगोलिया बनाकर स्वागत करते है, एक दूसरे को पर्व की बधाई देते हैं और पकवान (साध्या) बनाते हैं,
ओणम का त्यौहार कृषि से भी जुड़ा हुआ है, कहते हैं कि फसल पकने की ख़ुशी में भी लोग इस दिन को मानते है और अगली फसल अच्छी हो इसकी कामना करते हैं|